CHHATTISGARH NEP-2020 : छत्तीसगढ़ में इस सत्र से सभी स्नातक कॉलेज में लागु होने जा रहा है राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020…………यहाँ इसे विस्तार से जानें

छत्तीसगढ़ में इस सत्र से सभी स्नातक कॉलेज में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागु होने जा रहा है । राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर जानने के लिए ध्यान से पढ़ें।

प्रश्न 1. प्रदेश में सत्र 2024-25 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 किन पाठ्यक्रमों में लागू किया गया है?

प्रदेश में सत्र 2024-25 से समस्त विश्वविद्यालयों / महाविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अन्र्तगत स्नातक स्तर पर बी.ए., बी.कॉम., बी.एस-सी., बी.बी.ए. एवं बी.सी.ए. के पाठ्यक्रम संचालित किये जा रहें है।

प्रश्न 2. सेमेस्टर से तात्पर्य क्या है?

सेमेस्टर का तात्पर्य प्रति 06 माह की अध्ययन-अध्यापन की अवधि है। किसी पाठ्यक्रम संदर्भित निर्धारित पाठ्यचर्या का शैक्षणिक कार्य (टीचिंग लर्निंग) एवं उसके मूल्यांकन कार्य सम्पादन हेतु छः/06 माह की अवधि का निर्धारण किया जाना सेमेस्टर कहलाता है, जहाँ एक सेमेस्टर में 15 सप्ताह / 90 दिवस शैक्षणिक कार्य (टीचिंग लर्निंग) किया जाना सुनिश्चित होता है।

प्रश्न 3 क्रेडिट से क्या तात्पर्य है।

सैद्धांतिक कोर्स हेतु एक लेक्चर/पीरियड / कालखण्ड/ घण्टा का अध्यापन प्रति सप्ताह 15 सप्ताह के लिए किया गया टीचिंग लर्निंग एक क्रेडिट कहलाता है। अर्थात सेमेस्टर के अंतर्गत कुल 15 घण्टे / कालखण्ड का किया गया टीचिंग लर्निंग कार्य एक क्रेडिट होगा। यद्यपि प्रायोगिक कोर्स/फिल्ड कार्य/प्रोजेक्ट कार्य हेतु 02 कालखण्ड/पीरियड / घण्टा का अध्यापन / प्रशिक्षण प्रति सप्ताह 15 सप्ताह के लिए किया गया टीचिंग लर्निंग एक क्रेडिट कहलाता है। अर्थात सेमेस्टर अंतर्गत कुल 30 घण्टे/कालखण्ड का किया गया प्रायोगशाला/फिल्ड वर्क/ प्रोजेक्ट वर्क का कार्य एक क्रेडिट होगा।

प्रश्न 4. CBCS से क्या तात्पर्य है?

CBCS का पूर्ण रूप है:- चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (Choice Based Credit System) है जिसके अंतर्गत एक संकाय का विद्यार्थी दूसरे संकाय का विषय जो क्रेडिट पद्धति पर आधारित है को अध्ययन हेतु चयन कर सकता है

प्रश्न 5. बहु-प्रवेश एवं बहु-निकास (Multiple Entry & Multiple Exit) का क्या अर्थ है?

बहु-प्रवेश एवं बहु-निकास, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत ऐसा प्रावधान है जिसमे विद्यार्थी निर्धारित पाठ्यक्रम में एक से अधिक बार प्रवेश एवं निकास कर सकता है परन्तु उसे उक्त स्नातक के पाठ्यक्रम को अधिकतम 07 वर्ष की अवधि में पूर्ण करना होगा। 07 वर्ष में पूर्ण न करने की स्थिति में वह पाठ्यक्रम से बाहर हो जाएगा। अर्थात किसी विद्यार्थी द्वारा बहु-प्रवेश एवं बहु-निकास का लाभ अधिकतम 07 वर्ष के अन्तर्गत हीं लिया जा सकता है।

प्रश्न 6. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत DSC, DSE, GE, AEC, SEC, VAC का क्या तात्पर्य है?

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत बहु-संकायी एवं बहु विषयी पाठ्यक्रम पद्धति अंतर्गत उपयोग में किये जा रहे उक्त शब्दों की व्याख्या निम्नानुसार है-

DSC- Discipline Specific Course (विषय विशिष्ट पाठय्चर्या) किसी विषय / डिसीप्लीन को परिभाषित करने वाला मूल पाठ्यचर्या को ही DSC कहा जाता है। वर्तमान सत्र से प्रदेश में संचालित मल्टीडिसीप्लीनरी पाठ्यक्रम प्रणाली अर्न्तगत पूर्व की भॉति विद्यार्थीयों द्वारा चयनित तीन विषय / डिसीप्लीन के DSC का अध्ययन प्रति सेमेस्टर किया जाना है।

DSE – Discipline Specific Elective (विषय विशिष्ट ऐच्छिक) किसी विषय/डिसीप्लीन के संबंधित विशेष विषय शाखा की पाठ्यचर्या को DSE कहा जाता है। इसके अंतर्गत इन्टर डिसीप्लीनरी पाठ्यचर्चा भी सम्मिलित किये जाते है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानानुसार विद्यार्थियों द्वारा चयनित इच्छाकृत विषय/डिसीप्लीन के DSE का अध्ययन तृतीय सेमेस्टर से किया जा सकेगा।

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GE – Generic Elective (सामान्य ऐच्छिक) मूल संकाय के अतिरिक्त किसी संकाय के विषय / डिसीप्लीन के कोर्स को ही GE कहा जाता है। वर्तमान सत्र से प्रदेश में संचालित मल्टीडिसीप्लीनरी पाठ्यक्रम प्रणाली अर्न्तगत विद्यार्थीयों द्वारा अन्य संकाय के किसी डिसीप्लीन के कोर्स का चयन GE के रूप में किया जायेगा। अर्थात कला संकाय के विद्यार्थी विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय के, विज्ञान संकाय के विद्यार्थी कला एवं वाणिज्य संकाय के तथा वाणिज्य संकाय के विद्यार्थी कला एवं विज्ञान संकाय के कोर्स GE के रूप में चयन कर सकते हैं। यद्यपि प्रथम एवं द्वितीय सेमेस्टर में विद्यार्थीयों द्वारा GE का चयन किया जाना अनिवार्य है, तथापि तृतीय सेमेस्टर से GE का चयन करना अथवा नहीं करना उनकी इच्छा पर आधारित होगा।

AEC- Ability Enhancement Course (योग्यता अभिवृद्धि पाठय्चर्या) सामान्य योग्यता में यथेष्ट वृद्धि कर उपयुक्त स्नातक की योग्यता प्रदर्शित करने वाला कोर्स को AEC कहा जाता है। इसके अंतर्गत मुख्यतः विभिन्न भाषा एवं पर्यावरण के ज्ञान सम्बन्धित पाठ्यचर्या सम्मिलित होता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानानुसार विद्यार्थीयों द्वारा प्रथम से चतुर्थ सेमेस्टर तक 2-2 क्रेडिट के AEC का अध्ययन किया जायेगा जिसमें पर्यावरण अध्ययन, अंग्रेजी, हिंदी एवं अन्य संप्रेषणीय भाषा सम्मिलित हैं।

SEC- Skill Enhancement Course (कौशल अभिवृद्धि पाठय्चर्या) उपयुक्त स्नातक में कौशलता की यथेष्ट वृद्धि करने वाला कोर्स को SEC कहा जाता है। प्रावधानानुसार इसके अंतर्गत विद्यार्थी द्वारा महाविद्यालय में संचालित कौशल अभिवृद्धि कोर्स के समूह से चयनित कर क्रमशः द्वितीय, चतुर्थ, पंचम एवं षष्टम सेमेस्टर में अध्यायन किया जावेगा।

VAC- Value Added/Addition Course (मूल्य वर्धित पाठय्चर्या ) उपयुक्त स्नातक में कौशलता की यथेष्ट वृद्धि करने वाला कोर्स को VAC कहा जाता है। प्रावधानानुसार इसके अंतर्गत विद्यार्थी द्वारा महाविद्यालय में संचालित मूल्य अभिवृद्धि कोर्स के समूह से चयनित कर क्रमशः प्रथम, तृतीय एवं पंचम सेमेस्टर में अध्यायन किया जावेगा।

प्रश्न 7. क्या राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत स्नातक पाठ्यक्रम 4 वर्ष का हो गया है?

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत 3 एवं 4 वर्ष स्नातक पाठ्यक्रम दोनों का प्रांवधान है, जो पूर्णतः विद्यार्थी के इच्छा पर आधारित होगा। यदि विद्यार्थी चाहे तो वह 03 वर्ष की निर्धारित कोर्स अध्ययन करने के पश्चात निर्धारित पाठ्यक्रम की डिग्री प्राप्त कर पाठ्यक्रम छोड़ सकता है। 04 वर्ष पूर्ण करने की कोई बाध्यता नहीं हैं। यदि विद्यार्थी आगे अध्ययन चाहता है तो वह चौथे वर्ष (7वें एवं 8वें सेमेस्टर) हेतु निर्धारित कोर्स का अध्ययन, आनर्स अथवा आनर्स विथ रिसर्च की उपाधि हेतु पाठ्यक्रम पूर्ण करेगा। [तीन वर्ष के पश्च्यात विद्यार्थी को प्राप्त अंक का प्रतिशत यदि यदि 75 या उससे अधिक हो तो वह चौथे वर्ष में आनर्स विथ रिसर्च या आनर्स पाठ्यक्रम में प्रवेश लेगा। यदि विद्यार्थी दारा प्राप्त अंक का प्रतिशत 75 से कम है तो वह केवल आनर्स पाठ्यक्रम में ही प्रवेश ले पाएगा।}

प्रश्न 8. क्या विद्यार्थी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत सर्टिफिकेट या डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश ले सकता है?

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत 3 या 4 वर्षीय स्नामक पाठ्यक्रम ही संचालित हैं, कोई सर्टिफिकेट या डिप्लोमा पाठ्यक्रम नहीं। परन्तु यदि कोई विद्यार्थी 3 या 4 वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश लेता है तथा परिस्थितिवश किसी कारण (आर्थिक / पारिवारिक या अन्य किसी कारण) से पाठ्यक्रम को एक वर्ष (02 सेमेस्टर) के पश्चात छोड़ना चाहता है तो उस स्थिति में उसे दोनों सेमेस्टर के कुल 40 क्रेडिट अर्जित करते हुए अतिरिक्त 04 क्रेडिट का वोकेशनल / कौशल कोर्स, किसी मान्यता प्राप्त ऑनलाईन अथवा ऑफलाईन प्लेटफॉर्म से अर्जित करना होगा। कुल 44 क्रेडिट अर्जित करने पर उसे निर्धारित संकाय के अंतर्गत सर्टिफिकेट की उपाधि प्रदान की जाएगी। यदि दो वर्ष (04 सेमेस्टर) के पश्च्यात छोड़ना चाहता है तो उस स्थित में उसे चारों सेमेस्टर के कुल 80 क्रेडिट अर्जित करते हुए अतिरिक्त 04 और क्रेडिट का वोकेशनल / कौशल कोर्स, किसी मान्यता प्राप्त ऑनलाईन अथवा ऑफलाईन प्लेटफॉर्म से अर्जित करना होगा। तद्‌नुसार कुल 84 क्रेडिट अर्जित करने पर उसे निर्धारित संकाय के अंतर्गत डिप्लोमा की उपाधि प्रदान की जाएगी।

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प्रश्न 9. क्या विद्यार्थी के द्वारा कला, वाणिज्य एवं विज्ञान संकाय के एक एक विषय के DSC का चयन किया जा सकता है?

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 अन्तर्गत संचालित मल्टीडिसीप्लीनरी पाठ्यक्रम प्रणाली के प्रावधानानुसार विद्यार्थी किसी एक संकाय के ही तीन विषय/डिसीप्लीन का चयन कर सकता है। अलग-अलग संकाय से विषय/डिसीप्लीन का चयन करने का प्रावधान नहीं है। अपितु अन्य संकाय से विषय / डिसीप्लीन का चयन GE के रूप में किया जाना है।

प्रश्न 10. क्या विद्यार्थी GE (Generic Elective) में अपनी इच्छानुसार कोई भी विषय का चयन कर सकता है?

वर्तमान में लागू प्रावधानानुसार कोई विद्यार्थी अन्य संकाय का उसी विषय मात्र का GE चयन कर सकता है जो उसके द्वारा प्रवेश लिए गए महाविद्यालय में संचालित है।

प्रश्न. 11. क्या कोई विद्यार्थी अन्य महाविद्यालय में संचालित विषय/विषयों का चयन अपनी इच्छानुसार कर सकता है?

वर्तमान में लागू प्रावधानानुसार कोई विद्यार्थी केवल उसी विषय/विषयों का चयन अपनी इच्छानुसार कर सकता है जो उसके द्वारा प्रवेश लिए गये महाविद्यालय में उपलब्ध है।

प्रश्न 12. SWAYAM एवं MOOC क्या हैं?

SWAYAM (Study Webs of Active Learning for Young Aspiring Minds) भारत सरकार का पोर्टल है जो विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक पाठ्यक्रम प्रदान करनेवाला एक निःशुल्क मुक्त ऑनलाइन पाठ्यक्रम मंच है। MOOC (Massive Open Online Course) एक विशाल मुक्त ऑनलाइन पाठ्यक्रम है जिसका उद्देश्य वेब के माध्यम से विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक पाठ्यक्रम उपलब्ध कराना है।

प्रश्न 13. क्या पूर्व की तरह सम्पूर्ण अंक वार्षिक परीक्षा पर ही आधारित हैं?

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत संचालित समस्त पाठ्यक्रमों में आतंरिक मूल्यांकन पर 30 प्रतिशत अंक एवं अंत सेमेस्टर परीक्षा पर 70 प्रतिशत अंक निर्धारित हैं। विद्यार्थियों को आतंरिक परीक्षा एवं अंत सेमेस्टर परीक्षा दोनों के अंकों को मिलाकर उत्तीर्ण होने के लिए 40 प्रतिशत अंक प्राप्त करना आवश्यक है।

प्रश्न 14. क्या अंत सेमेस्टर परीक्षा के लिए आतंरिक परीक्षा में सम्मिलित होना अनिवार्य है?

सतत् आतंरिक मूल्यांकन में सम्मिलित नहीं होने पर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित अंत सेमेस्टर परीक्षा हेतु प्रवेश पत्र जारी नहीं किये जायेंगे। अतः सतत् आतंरिक मूल्यंकन में सम्मिलित होना अनिवार्य है।

प्रश्न 15. सतत् आतंरिक मूल्यांकन में कितने आतंरिक परीक्षाएं होंगी और क्या सभी का अंक सेमेस्टर परीक्षा के अंक के साथ जुड़ेगा?

वर्तमान में प्रयुक्त प्रावधानानुसार प्रति सेमेस्टर प्रति कोर्स के सतत् आतंरिक मूल्यंकन (CIA) अन्तर्गत दो टेस्ट/क्विज परीक्षा एवं एक एसाईनमेंट होगी। दो टेस्ट / क्विज परीक्षा में प्राप्त बेहतर अंक तथा एसाईनमेंट में प्राप्त अंक का योग सेमेस्टर परीक्षा के अंको के साथ जोड़ा जाएगा। उदाहरणार्थ 100 अंक का कोर्स में 30 अंक सत्त आतंरिक मूल्यंकन (CIA) के लिए निर्धारित है, जहाँ 20-20 अंक का दो टेस्ट / क्विज परीक्षा होगी तथा 10 अंक का एसाईनमेंट दिया जायेगा । यदि प्रथम टेस्ट / क्विज परीक्षा में 12 अंक, द्वितीय टेस्ट / क्विज परीक्षा में 17 अंक तथा एसाईनमेंट में 08 अंक प्राप्त होता है तो 17+08 = 25 अंक अंत सेमेस्टर परीक्षा के प्राप्तांक में जोडा जायेगा।

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प्रश्न. 16. क्या विद्यार्थी प्रथम सेमेस्टर में बिना कोई क्रेडिट अर्जित किये द्वितीय सेमेस्टर में प्रवेश ले सकता है?

विद्यार्थी को प्रथम सेमेस्टर में बिना कोई क्रेडिट अर्जित किये द्वितीय सेमेस्टर में प्रवेश ले सकता है परंतु उसे सतत् आतंरिक मूल्यंकन (CIA) में संम्मिलित होना तथा अंत सेमेस्टर परीक्षा में परीक्षा फॉर्म जमा कर अंत सेमेस्टर परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र प्राप्त करना अनिवार्य है। कतिपय कारणवश विद्यार्थी अंत सेमेस्टर परीक्षा में अंश्तः या पूर्णतः उपस्थित नहीं होता है अथवा पूर्णतः उपस्थित होकर अंशतः या पूर्णतः क्रेडिट अर्जित करता है तो भी वह द्वितीय सेमेस्टर में प्रवेश ले सकता है।

प्रश्न. 17. क्या विद्यार्थी प्रथम एवं द्वितीय सेमेस्टर में बिना कोई क्रेडिट अर्जित किये तृतीय सेमेस्टर में प्रवेश ले सकता है?

नहीं, विद्यार्थी को तृतीय सेमेस्टर में प्रवेश लेने के लिए प्रथम एवं द्वितीय सेमेस्टर दोनों को मिलाकर कुल क्रेडिट का 50% क्रेडिट अर्जित करना अनिवार्य है। अर्थात तृतीय सेमेस्टर में प्रवेश लेने के लिए प्रथम एवं द्वितीय सेमेस्टर दोनों को मिलाकर कुल क्रेडिट 40 में से न्यूनतम 20 क्रेडिट अर्जित करना अनिवार्य है।

प्रश्न. 18. क्या राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 सत्र 2024-25 से स्नातकोत्तर कक्षाओं में भी लागू होगी?

सत्र 2024-25 से स्नातकोत्तर कक्षाओं में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधान प्रदेश में लागू नहीं किया जा रहा है। आगामी सत्रों से स्नातकोत्तर कक्षाओं में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 प्रदेश में लागू की जायेगी।

प्रश्न. 19. क्या राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के समस्त प्रावधान स्वाध्यायी विद्यार्थियों पर भी लागू होंगे?

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों का आंशिक रूपांतरित प्रारूप स्वाध्यायी विद्यार्थियों पर लागू होंगे। स्वध्यायी विद्यार्थी पूर्ववत स्वतंत्र रूप से अध्ययन करते हुए अपने पाठ्यक्रम को पूर्ण करेगे परन्तु आरम्भ में हीं पंजीयन / नामांकन कराना होगा तथा निर्धारित अवधि अन्तर्गत उक्त महाविद्यालय में, जिसमे वह पंजीबद्ध हुआ है, निर्धारित योजना अनुरूप सत्त आतंरिक मूल्यंकन (CIA) मे सम्मिलित होना होगा।

प्रश्न. 20. क्या स्वाध्यायी विद्यार्थियों को भी महाविद्यालय में प्रवेश लेना होगा ?

उल्लेखित है कि विगत सत्र तक स्वाध्यायी विद्यार्थियों द्वारा स्वेच्छिक महाविद्यालय से परीक्षा आवेदन भरा जाता रहा है। वर्तमान प्रावधानानुसार सत्रारम्भ में (माह अगस्त-सितम्बर) स्वध्यायी विद्यार्थियों को स्वेच्छिक महाविद्यालय द्वारा पंजीयन / नामांकन कार्य पूर्ण करना होगा। पूनः विश्वविद्यालय द्वारा जारी सूचनानुसार परीक्षा आवेदन पूर्ववत भरा जायेगा।

प्रश्न. 21. क्या स्वाध्यायी विद्यार्थियों का भी सतत् आतंरिक मूल्यांकन (CIA) होगा ?

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के पालनार्थ स्वाध्यायी विद्यार्थियों को भी सतत् आतंरिक मूल्यांकन (CIA) में सम्मिलित होना अनिवार्य होगा, जिसका स्वरूप/कार्य योजना विश्वविद्यालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप महाविद्यालय द्वारा सूचित किया जायेगा ।

उच्च शिक्षा से सम्बद्ध समस्त हितग्राहियों से अपील की है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 अन्तर्गत सत्र 2024-25 से प्रदेश में संचालित 3/4 वर्षीय स्नातक पाठ्क्रम सम्बन्धित कोई प्रश्न/जिज्ञासा अथवा शंका हो तो ई-मेल nepcg2020@gmail.com अथवा Whatsapp No. 8982616484 पर विषय “FAQ NEP 2020” लिख कर प्रेषित करनें का कष्ट करें।


इस वेबसाइट पर निःशुल्क प्रकाशन के लिए ambikapurcity@gmail.com पर आप प्रेस विज्ञप्ति भेज सकते है।


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