AMBIKAPUR: के आर टेक्निकल कॉलेज में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों को समझने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का किया गया आयोजन……….. उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशन पर आयोजित हुआ कार्यक्रम
छत्तीसगढ़ में इस सत्र 2024-25 से समस्त महाविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत स्नातक स्तर पर बी.ए, बी.कॉम.,बी.एससी., बीसीए और बीबीए के पाठ्यक्रम सेमेस्टर पद्धति लागू किया गया है। उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के संबंध में महाविद्यालयों के सहायक प्राध्यापकों एवं कार्यालयीन कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए के आर टेक्निकल कॉलेज अंबिकापुर में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन आज किया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मास्टर ट्रेनर डॉ.एस.एन. पांडे, कृष्ण आभा शिक्षण समिति के उपाध्यक्ष श्री राहुल जैन, महाविद्यालय की डायरेक्टर एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की समन्वयक श्रीमती रीनू जैन, प्राचार्य डॉ रितेश वर्मा, आईक्यूएसी समन्वयक सुश्री प्रजा सिंह राजपूत, नैक समन्वयक मोहम्मद अफरोज अंसारी, सभी विभागों के विभाग प्रमुख, सहायक प्राध्यापक और कार्यालय स्टाफ उपस्थित थे। सर्वप्रथम मां सरस्वती के छायाचित्र के समक्ष पुष्प अर्पित और दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुरूआत किया गया।
कार्यक्रम के आरम्भ में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.रितेश वर्मा ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास तो होगा ही साथ ही मूल्य परक, कौशल विकास, क्षमता संवर्धन के साथ जेनेरिक इलेक्टिव विषय के अध्ययन से स्वरोजगार के अवसर में भी वृद्धि होगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 जहाँ एक ओर विद्यार्थियों में आलोचनात्मक सोच, डिजिटल साक्षरता के साथ रोज़गार क्षमता एवं शारीरिक विकास को बढ़ावा देते हुए भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करता है वहीं दुसरी ओर पूरे प्रदेश में समरूप शिक्षा होने से वनांचल एवं दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यार्थियों को शिक्षा की मुख्यधारा में जोड़ने का भी कार्य किया जायेगा। उन्होंने कहा की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में सतत मूल्यांकन का प्रावधान है जिससे विद्यार्थियों के मानसिक उर्जा के साथ बौद्धिक क्षमता में भी वृद्धि होगी इसके साथ ही सेमेस्टर आधारित पाठ्यक्रम होने के कारण विद्यार्थियों को परीक्षा का तनाव नहीं होगा।
कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर मास्टर ट्रेनर डॉ.एस.एन.पांडे ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति तीन/चार वर्षीय बहु-संकायी स्नातक पाठ्यक्रम क्रेडिट पर आधारित होने के साथ ही चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के अंतर्गत होंगे। 03 या 04 वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम को विद्यार्थी अधिकतम 07 वर्षों में पूर्ण कर सकता है। पाठ्यक्रम अवधि में विद्यार्थी ’’बहु-निकास’’ प्रावधान के अंतर्गत प्रथम वर्ष पूर्ण कर किसी कारणवश पढ़ाई छोड़ देता है तो उसे उस संकाय के अंतर्गत ’सर्टिफिकेट’ दो वर्ष पूर्ण कर छोड़ने पर ’डिप्लोमा’ की उपाधि दी जाएगी एवं तृतीय वर्ष पूर्ण करने पर स्नातक की उपाधि प्राप्त कर पाठ्यक्रम को छोड सकता है। जिन विद्यार्थियों को विषय विशेष में विशेषज्ञता प्राप्त करने या शोध करने की इच्छा हो वे पाठ्यक्रम को निरंतर चौथे वर्ष में जारी रख सकते हैं एवं ’ऑनर्स/ऑनर्स विथ रिसर्च’ की उपाधि चौथे वर्ष में प्राप्त कर सकते हैं। इसी नीति के अंतर्गत बहु-विषयक शिक्षा, वैचारिक समझ एवं आलोचनात्मक सोच, नैनिक मूल्यों के साथ कौशल विकास को भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया। सतत आंतरिक मूल्यांकन में 30 प्रतिशत अंक एवं अंत सेमेस्टर परीक्षा में 70 प्रतिशत अंको का प्रावधान रखा गया है। विद्यार्थी को उत्तीर्ण होने हेतु इन दोनों को मिलाकर (आंतरिक एवं अंत सेमेस्टर परीक्षा) कुल 40 प्रशित प्राप्त करना अनिवार्य होगा। जेनेरिक एलेक्टिव के अंतर्गत कला/विज्ञान/वाणिज्य/बीसीए/बीबीए संकाय का विद्यार्थी अपने संकाय के अतिरिक्त अन्य संकाय के किसी एक विषय को अपनी इच्छानुसार ले सकता है। उन्होंने अंत में सभी श्रोताओं से इस नीति को ठीक से समझने और आत्मसात करने की बात कही।
कार्यक्रम के अगली कड़ी में महाविद्यालय की डायरेक्टर एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की समन्वयक श्रीमती रीनू जैन ने मास्टर ट्रेनर डॉ.एस.एन. पांडे का आभार प्रदर्शन करते हुए कहा की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विद्यार्थियों में आलोचनात्मक सोच, डिजिटल साक्षरता के साथ रोजगार क्षमता एवं शारीरिक विकास को बढ़ावा देते हुए भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करता है। उन्होंने कहा की पूरे प्रदेश में समरूप शिक्षा होने से वनांचल एवं दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यार्थियों को शिक्षा की मुख्यधारा में जोड़ा जा रहा है। सभी शिक्षकों के ऊपर छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास की जिम्मेदारी है उसका गलत लाभ नहीं उठाना है, अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करना है। उन्होंने अंत में सभी श्रोताओं से कहा की नई शिक्षा नीति 2020 को बार-बार पढ़िए, समझिए और उसका मूल्यांकन कीजिए।
कार्यक्रम के अंत में कृष्ण आभा शिक्षण समिति के उपाध्यक्ष श्री राहुल जैन ने मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मास्टर ट्रेनर डॉ.एस.एन. पांडे का आभार व्यक्त करते हुए उन्हें प्रमाण पत्र से सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी श्री विनितेश गुप्त ने किया।